जिंदगी की राह कठिन है,
इससे घबराना ठीक नही !
आगे आती मुश्किलों से,
ध्यान हटाना ठीक नही !!
आती है मुश्किलें आने दो,
हंस करके इसे दिल मे भर लो !
कितना भी दुख यदि आए तो,
मन के मंदिर मे इन्हे धर लो !!
जहां दुख है तो वहां सुख भी है,
बस थोड़ा सा ईंतज़ार करो !
आंसू यदि दुख के निकल रहे,
तो कल खुशियों के आंसू से मांग भरो !!
या हो अमीर या हो गरीब,
दुख-सुख तो सभी को आते हैं !
कोई रो-रो के सह लेते है,
कोई हसते हुए पी जाते हैं !!
कांटे है जहां, वहां फ़ूल भी हैं,
कांटे ये तुम्हे तो डराएंगे !
है अंधेरी , काली रात अभी,
कल दिन के उजाले आएंगे !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- ०४/०३/२००१, रविवार,शाम -७.०५ बजे,
केरला एक्स्प्रेस, बल्लारशाह जं और सेलम के मध्य ,
चित्र ;गूगल से सादर लिया गया ।
चित्र ;गूगल से सादर लिया गया ।